आज बहुत दिनों बाद मित्र से मुलाकात हुई। उनके बच्चे से बातचीत के दौरान एक्स्ट्रा क्लास के विषय में पूछने लगा।
बच्चे ने बोला, "अंकल, अब अॉनलाइन क्लास होती है जब टीचर को कुछ एक्स्ट्रा क्लास लेना होता था।"
मै पुराने दिनों में चला गया था। कैसे उसी दोस्त के घर में पकड़ा गया था। एक्स्ट्रा क्लास करते हुयें। बढ़िया बहाना होता था एक्स्ट्रा क्लास का।
वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में क्या गज़ब का शॉट मारा था दिलीप वेंगसरकर ने। मै चिल्ला रहा था। खुशी से झूम उठा था। तभी बाहर से आवाज आयी थी। लगा किसी अपने की आवाज थी। खिड़की से बाहर झाँक कर देखा तो मॉ डंडा लिये खड़ी थी।
दोस्त की मॉ ने कहा था "बेटा, तुम्हारी मम्मी आयी है।"
मम्मी दोस्त के घर में घुसते ही गुस्से में बोली थी "यही है तुम्हारी एक्स्ट्रा क्लॉस।"
मम्मी कान पकड़कर घर ले आयी थी, "आज से तेरा एक्स्ट्रा क्लास बंद।"
मै चुप था। मेरी चोरी पकड़ी गयी थी।
अब भी कभी एक्स्ट्रा क्लास के विषय में सोचता हूँ तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। कितनी फिल्में देख डाली उस एक्स्ट्रा क्लास के चक्कर में।
बड़ी मुसीबत थी। सही में भी अगर एक्स्ट्रा क्लास होती तब भी कोई छुट्टी नही मिलती थी।
फिर नया आईडिया दिमाग में तैरने लगे थे। एक दोस्त ने मॉ का विश्वास जीत लिया था। जब बाहर घूमना होता था तब घर आकर सफाई से बोलता, " आंटी, सही में, कल एक्सट्रा क्लास है.."
उस दिन 'माचिस फिल्म' देखी थी..😃
@डॉ विपिन पाण्डेय "व्याकुल"