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शनिवार, 18 दिसंबर 2021

शादी की उम्र

38 वर्ष(1891 से 1929) लगे 12 से 14 वर्ष होने में... 20 वर्ष (1929 से 1949) लगे 15 वर्ष होने में... सिर्फ छः वर्ष यानि 1955 में 18 वर्ष की गयी... 66 वर्ष लग गये 21 होने में... भारतीय समाज में पहले बच्चों की संख्या ज्यादा होने से शादी पर विशेष फोकस होता था जिससे माँ-बाप जल्दी उत्तरदायित्व से मुक्त हो जाये.. अधिकतर लड़कियाँ प्राथमिक तक ही सीमित हो जाती थी... इसलिये शादी की उम्र सरकार क्या निर्धारण कर रही.. कोई ध्यान नही देता था। दक्षिण भारत का नही पता पर उत्तर भारत में 30-35 वर्ष पहले तक लड़कियाँ 18 वर्ष से पहले तक व्याह दी जाती थी।शिक्षा का प्रसार व ललक बढ़ने के साथ ही घर से बाहर लड़कियों के निकलने की शुरुआत हुई। प्रेम विवाह के ही समय न्यूनतम  देखा जाने लगा किं कैसे विवाह को अवैध घोषित किया जायें। अब 21 वर्ष होने से इस उम्र से पहले तक प्रेम विवाह करने वालों पर आफत आयेगी। न्यूनतम उम्र बढ़ने का पता नही समाज में इसका क्या असर होगा...कुछ कह पाना मुश्किल होगा...वैसे अमेरिका, फ्रांस व जर्मनी में न्यूनतम आयु 18 वर्ष है जबकि ब्रिटेन जैसे देश में 16 वर्ष। इन विकसित देशों में इतनी कम आयु (खासकर ब्रिटेन में) होने का मतलब वहाँ कम आयु मेें ही बच्चों का परिपक्वता प्राप्त कर लेना ही दर्शाता है। अच्छी बात ये है कि लड़का या लड़की की न्यूनतम आयु में जेंडर आधारित कोई भेदभाव नही किया गया है।बहुत से एशियाई देशों में आज भी जेंडर के आधार पर आयु में विभिन्नताएं मिल जायेंगी।  खैर इससे संबंधित समिति ने 16 विश्वविद्यालय के छात्रों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर अपनी संस्तुति दी थी।

@व्याकुल

गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

उपभोक्तावादी संस्कृति

विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान कभी-कभी चर्चा का विषय सुष्मिता व ऐश्वर्या रहती थी। कई तरह के तर्क सुनने को मिल जाया करते थे। आखिर इन भारतीय सुन्दरियों में क्या खूबी रही जो इनको विश्व स्तर पर पहचान दिला रहा था। ये दोनो 1994 में विश्व सुन्दरियां चुनी गयी थी। भारत भी आर्थिक उदारीकरण के दौर से गुजर रहा था जिसकी शुरुआत 1991 से हो चुकी थी। ये समझने में समय लग रहा था कि आखिर भारतीय बालायें सुन्दर हो रही थी या उपभोक्तावादी संस्कृति की नींव पड़ रही थी। समय के साथ समझने में देर नही लगी कि ये सौन्दर्य प्रशाधन के प्रोत्साहन का भी परिणाम हो सकता है व बाकी लड़कियों के लिये ऐसे प्रोडक्ट का प्रयोग करने हेतु उत्साहवर्धन का भी कार्य कर सकता है जो दिखावे की संस्कृति व भोग की संस्कृति की ओर समाज को ले जाने वाला है।

हरनाज संधु का 2021 में मिस युनिवर्स चुना जाना निःसंदेह 1994 के दौर में जाने- अनजाने में ले गया। दुनिया में महिलाओं की कुल आबादी 387 करोड़ है, जिसमें से 15% महिलाएं युवा हैं। जिनमें 18% भारतीय महिलायें है। अब इससे बड़ा बाजार कहाँ मिलेगा?????

@व्याकुल

नियति

  मालती उदास थी। विवाह हुये छः महीने हो चुके थे। विवाह के बाद से ही उसने किताबों को हाथ नही लगाया था। बड़ी मुश्किल से वह शादी के लिये तैयार ...