यह कल्पना से परे है कि हमारे कितने ही रीति-रिवाज, परम्परायें व प्रथायें समय के साथ- साथ क्षीण होते जा रहे। इनको सहेजना व संरक्षित करना समय की माँग है ताकि हमारी अगली पीढ़ी व भविष्य अपने इस प्राचीन परम्पराओं पर गौरव महसूस कर सकें। कश्मीर गौरवशाली हिन्दु परम्परा का एक लम्बा श्रृंखला रही है पर हम सभी इसकों विस्मृत कर बैठे है।
जम्मू - कश्मीर में सावन के महीने मे पवित्र देविका नदी के किनारे 'रूटट रहाड़े' पर्व का आयोजन किया जाता है...देविका नदी जम्मू और कश्मीर के उधमपुर ज़िले में ‘पहाड़ी सुध’ महादेव मंदिर से निकलती है और पश्चिमी पंजाब,जो कि अब पाकिस्तान में है, में बहते हुए रावी नदी से मिल जाती है। एक धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस नदी को हिंदुओं द्वारा गंगा नदी की बहन के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। हालांकि इसकी मान्यता एक गुप्त नदी के रूप में है।
इस पर्व में शादी-शुदा बेटियाँ अपने मायके आकर पिता, भाई, ताऊ, चाचा, आदि के नाम के पौधे रोपती है, और ये लोग उन पौधों के संरक्षण का जिम्मा लेते है।
@व्याकुल