अनंत चतुर्दशी के दिन मेरे मनो मस्तिष्क में एकाएक एक घटना आकर अटक गयी जो वर्षो पूर्व घटित हुई थी जिसका जिक्र राहुल सांकृत्यायन ने अपनी पुस्तक "कनैला की कथा" और "मेरी जीवन यात्रा" में किया है।
आस पास तड़पते लोगो को देखना और कुछ न कर पाना कितनी कोफ़्त होती है न। व्याकुलता ऐसे ही थोड़े न जन्म लेती है। कितना तड़प चुका होगा वो। रक्त का एक एक कतरा बह रहा होगा। दिल से कह ले या आँखों से। ह्रदय ग्लानि से कितना विदीर्ण हो चुका होगा। पैर भी ठहर गए होंगे। असहाय इस दुनिया में सिवाय एक निर्जीव शरीर के।
FOLLOWER
मंगलवार, 1 जून 2021
अनंत चतुर्दशी व मलॉव के पाण्डेय
शनिवार, 29 मई 2021
महा पं. राहुल सांकृत्यायन
"कमर बाँध लो भावी घुमक्कड़ों, संसार तुम्हारे स्वागत के लिए बेकरार है।"
महापंडित, शब्द-शास्त्री, त्रिपिटकाचार्य, अन्वेषक, यायावर, कथाकार, निबंध-लेखक, आलोचक, कोशकार, अथक यात्री जैसे नामों से शोभायमान् राहुल सांकृत्यायन की जयंती (9 अप्रैल) पर उन्हे नमन💐🙏🏻
साहित्य जगत में उनका परचम लहराता था। तभी तो आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने राहुलजी की भाषण शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा था, ’’मैं गोष्ठियों, समारोहों, सम्मेलनों, में वैसे तो बेधडक बोलता हूँ लेकिन जिस सभा, सम्मेलन या गोष्ठी में महापंडित राहुल सांकृत्यायन होते हैं, वहाँ बोलने में सहमता हूँ। उनके व्यक्तित्व एवं अगाध विद्वत्ता के समक्ष अपने को बौना महसूस करता हूँ।‘‘
राष्ट्र भक्ति तो एक भाषण से सिद्ध होता है जब उन्होनें कहा था, ’’चौरी-चौरा कांड में शहीद होने वालों का खून देश-माता का चंदन होगा।‘‘
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नियति
मालती उदास थी। विवाह हुये छः महीने हो चुके थे। विवाह के बाद से ही उसने किताबों को हाथ नही लगाया था। बड़ी मुश्किल से वह शादी के लिये तैयार ...
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सभी डाकडर बाबू को हमरे तरफ से भी शुभकामनाएँ... हमरे गॉव के नजदीक मनीगंज नाम क एक जगहा बा। मनीगंज नाम से पाठक लोगन के लगत होये किं कौनो धनी...
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