पहली भारतीय महिला डॉक्टरों में से एक, कादम्बिनी गांगुली, जिनका जन्म 18 जुलाई, सन् 1861 में हुआ था। जिन्होंने पश्चिमी चिकित्सा में डिग्री के साथ प्रैक्टिस किया। आपने आनंदीबाई जोशी जैसी अन्य अग्रणी महिलाओं के साथ कार्य किया।
आपने 1884 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाली पहली महिला थीं, बाद में स्कॉटलैंड में प्रशिक्षण प्राप्त किया और भारत में एक सफल चिकित्सा पद्धति की स्थापना की।
उन्होनें फ्लोरेंस नाइटिंगेल का ध्यान आकर्षित किया था और ऐसी न जाने कितनी महिलाओं के लिये आदर्श थी।
गांगुली भारत में सामाजिक परिवर्तन के लिए बहुत ही सक्रिय थी। वह राजनीतिक रूप से भी बहुत सक्रिय थी। वह 1889 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पांचवें सत्र में छह महिला प्रतिनिधियों में से एक थीं और बंगाल के विभाजन के बाद कलकत्ता में 1906 में महिला सम्मेलन का आयोजन किया।
गांगुली ने महिलाओं के चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश को लेकर महान कार्य किया था। आप कलकत्ता मेडिकल कॉलेज पर महिलाओं को छात्रों के रूप में अनुमति देने के लिए दबाव डालने में भी सफल रही थी।
ऐनी बेसेंट डॉ कादम्बिनी की प्रशंसा करती थी और इसका उल्लेख उन्होनें अपनी पुस्तक 'How India Wrought For Freedom' में किया था।
आप 3 अक्तूबर, 1923 को काल कलवित हो गयी।
@व्याकुल