अटल दोनो थे
महामना भी..
मालवा की
निशानी भी..
नक्षत्र एक थे
बँटे हुये काल के..
मानक थे
उन विधाओं के..
शिक्षा को
नभ सा
विस्तार देते..
या
नव आयाम
देते
क्षुद्र होती
राजनीति
ऊठा-पटक कों..
नमन उन
धीर नमना को..
करू प्रणाम
अटल युक्त
महामना
व
महामना सा
अटल को...
@व्याकुल