FOLLOWER

kavita लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
kavita लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 27 मार्च 2020

मार्च

मार्च बहुत रुलाता है..

कलम बहुत चलवाता है
छुट्टी ये रुकवाता है
कमर ये तुड़वाता है
मार्च बहुत रुलाता है ।

चिंता ये दिलवाता है
परीक्षा ये करवाता है
गर्मी ये बढ़वाता है
मार्च बहुत रुलाता है ।

बारिश जब हो जाता है
रबी फसल हिल जाता है
हाल बुरा हो जाता है
मार्च बहुत रुलाता है ।

विवाह जब पड़ जाता है
कोई आ नही पाता है
यादे ही रह जाता है
मार्च बहुत रुलाता है ।

त्योहार भी आ जाता है
खर्च ये बढ़वाता है
टैक्स भी कटवाता है
मार्च बहुत रुलाता है ।

@व्याकुल

गुरुवार, 26 मार्च 2020

अधुना


आओं
गढ़ ले
नित नयी
परिभाषाएं
मूँद ले
आँखो कों
और
कलियुगी
पूर्णत्व को
सिधार जायें....

@व्याकुल

नियति

  मालती उदास थी। विवाह हुये छः महीने हो चुके थे। विवाह के बाद से ही उसने किताबों को हाथ नही लगाया था। बड़ी मुश्किल से वह शादी के लिये तैयार ...