पत्तियों की खरखराहट दिन भर शोर मचाती रहती थी। उत्साह सा माहौल घर में बना रहता था। हॉ.. पीपल का ही पेड़ था, हवा के झोंको के साथ खुद भी झूम जाया करती थी। बचपन जब कभी उसकों देखती मन प्रसन्न हो उठता था।
पीपल के पेड़ के नीचे बैठना भी सुखद अनुभव रहता था। भगवान बुद्ध को तब पढ़ा नही था। बाद में समझ आया कि एक राजकुमार बोधिशाली इसी वृक्ष के नीचे हो गया था। कभी-कभी परिवार में लोगों को पूजते देखता था तो अथर्ववेद में लिखी बाते याद आ जाती है "अश्वत्थ देवो सदन, अश्वत्थ पुजिते यत्र पुजितो सर्व देवता" यानी पीपल के पेड़ की पूजा से सर्व देवताओं की भी पूजा हो जाती है।पतझड़ में भी कभी पीपल को पत्ता विहीन नही देखा इसीलिये पीपल को अक्षय वृक्ष भी कहा जाता रहा है।
कुछ दिनों के बाद फुसफुसाहट होने लगी। यही वृक्ष है जो घर में शांति नही होने दे रहा। ये मन को अशांत कर दे रहा है। बेचारा!!!! एक सजीव वृक्ष निर्जीव की भाँति कुतर्को को सुनता रहा। लोंग कैसे कैसे बात कर रहे। घर में हो रहे कई प्रपंचों का साक्षी रहा यह वृक्ष। वृक्ष को वास्तुदोष से जोड़ा गया। लोगों के मन में इतना भय व्याप्त हो गया कि आस-पास फटकना छोड़ दिया था। पीपल कैसे कहता "मै ही कृष्ण हूँ।"
गॉवों में हर एक पीपल के वृक्ष को बरम बाबा का निवास मान कर हाथ स्वयं ही दिल तक पहुँच जाता था। मन कैसे ये मान ले कि ये वृक्ष भुतहा भी हो सकता है। खुद को हर खता का दोषी इंसान मान ही नही सकता। आदमी लगाये गये और उसकों अंग अंग से धाराशायी कर दिया गया। आह भर रोया तो जरूर होगा नही तो मन की अशांति में ऐसी बढ़ोत्तरी न देखने को मिलता!!!!!
विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
@व्याकुल
ऑब्जर्वेशन बहुत सुंदर है सर आपकी....सूक्ष्मता में भी वृहदता ढूंढ़ पाना उपलब्धि से कम थोड़े है।
जवाब देंहटाएंप्रोत्साहन हेतु आपका आभार सर
हटाएंबहुत ही सत्य और मार्मिक दिल को छू जाने वाला वर्णन किया आपने
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंप्रोत्साहन हेतु आभार
हटाएंसुऩदर एवं सजीव चित्रण अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंह्रदय से शुक्रिया
हटाएंBhut sunder......
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंव्याकुल की भावुक व्याकुलता का मर्मस्पर्शी यश का साक्षात्कार.....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया डॉ साहब 🙏🏻💐
हटाएंNice 👏👏
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंअपने गांव मे घर का पीपल भी इन्ही कारणों से काट दिया गया था बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंप्रणाम भाईसाहब 🙏🏻💐
हटाएंBachpan ki yaade
जवाब देंहटाएंजी... शुक्रिया
जवाब देंहटाएंवास्तविक सत्य
जवाब देंहटाएंजी... संस्मरण कह सकते है..
जवाब देंहटाएंPositive aspect of a myth.🙏👌
जवाब देंहटाएंजय हो बरम देव बाबा की
जवाब देंहटाएंजय हो
हटाएंअति सुन्दर
जवाब देंहटाएंप्रणाम.... शुक्रिया
हटाएंसही बात है
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
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