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मंगलवार, 21 जून 2022

हिचकियां

 ये

हिचकियां

सिर्फ

इंसानो के 

गले में

अटकी

नही होती..


इंसानों से

इतर

हिचकियां

समेट लेती है

यादों को

और 

मिला देती 

है

अपनों को

आपस में..


जैसे

पहाड़ टूट

कर जमीं

से मिले

या बर्फ

पिघल कर 

नदी में

या बहकते 

समुद्र के

ज्वार

तटों को

सराबोर कर दें....

@व्याकुल

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