यह कॉफी हाउस है। कभी यहां जमावड़ा लगा रहता था इलाहाबाद के विभिन्न विधाओ के नामचीन हस्तियों के। यहां की दीवारे कई बतकहो की साक्षी रही है। अगर गवाहों की बात होंगी तो यहां की दीवारे भेद खोल देंगी। कभी प्रयागराज आये तो यहां बैठे 2-4 कॉफ़ी पीये बहुत शुकुन मिलेगा। यदि आप कवि है तो शब्दों के भण्डार मिलेंगे, नेता है तो राजनीतिक जोड़तोड़ का हौसला मिलेगा, कम्पटीशन की तैयारी कर रहें है तो उर्जित हो कर जायेंगे। कभी आइये प्रयागराज तो बेमतलब के ही यहां बैठ जाइये फिर बताइये आपको क्या मिला.....
@डॉ विपिन पाण्डेय