हमारे देश मे त्योहारों का बहुत महत्व है। वर्ष भर कई त्यौहार होते है। इसके पीछे शायद हमारे पूर्वजों का यही मकसद रहा होगा कि इसी बहाने जनता जनार्दन इकट्ठे होंगे। मेल मिलाप होगा। जो हमारे कुटीर उद्योग है उनको पनपने का मौका मिलेगा, पर अब तो सब कुछ बदल गया है। इस हाई टेक युग मे सब कुछ रेडी मेड हो गया है। तभी तो माँ माँ बनना भी पसंद नहीं करती। हम अपनी प्राकृतिक विरासत को खोते जा रहे है सिर्फ अनावश्यक बातों मे अटक गए है। आप का इस पर कुछ विचार हो तो अवश्य प्रकट करे....
@ व्याकुल