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बुधवार, 28 जुलाई 2021

भूल

चंदन के गाँव में जैसें खुशी की लहर झूम उठी हो। चंदन ने तो गाँव का सीना आसमान जैसा ऊंचा उठा दिया था। गाँव के छोटे-बड़े सभी उस को सीने से लगा रहे थे। चंदन ने मेडिकल की परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया था।

बारहवीं की परीक्षा पास करने के पश्चात मेडिकल की तैयारी चंदन ने पिता के बचपन के मित्र के यहाँ रह कर की थी। चंदन बचपन से ही बड़ा मेधावी था, उसके पिता को उस पर बहुत ही विश्वास था। चंदन कम बोलने वाला शर्मीला लड़का था।

वह घड़ी भी आई जब सारा गाँव चंदन को छोड़ने स्टेशन पर आया था। सभी उसको लाड़-प्यार कर रहे थे। चंदन भी बड़ों का आशीर्वाद ले रहा था, उसने मेडिकल की पूरी पढ़ाई अच्छे अंको से उत्तीर्ण किया।

चंदन को पढ़ाई खत्म होते ही पटना के बड़े चिकित्सालय में सेवा करने का अवसर मिल गया। वह बड़ी तन्मयता से अपनी सेवाएं चिकित्सा के क्षेत्र में देने लगा। कोई गरीब मरीज दिख जाता तो उसकी पैसे से भी मदद कर देता था। इस तरह से चंदन की ख्याती सुदूर क्षेत्रों तक फैल चुकी थी। चंदन जब कभी गाँव जाते गाँव के लोग अपनी बीमारियों का इलाज कराते। चंदन पूरा समय गाँव वालों को देता था गाँव वालों से उसे भरपूर स्नेह मिला करता था।

चंदन की शादी के लिए रिश्ते आने लगे थे। वह दिन भी आया जब चंदन सांसारिक जीवन में प्रवेश कर गये। वह अपने पारिवारिक व सामाजिक जीवन से बहुत ही प्रसन्न थे।

चंदन की पत्नी सीमा डॉक्टर थी। दोनों पति-पत्नी अपने कार्य क्षेत्र में व्यस्त रहते थे।

एक दोपहर चंदन अचानक किसी  कार्य से घर आना हुआ। एक अनजाने शख्स को अपने घर से निकलते देखा था। जब तक चंदन कुछ समझ पाते वह व्यक्ति ओझल हो चुका था। 

घर आते ही चंदन ने पत्नी से पूछा था,

"सीमा, वह कौन था???"

"कोई तो नहीं।" सीमा ने जवाब दिया था।

चंदन मन का भ्रम समझ चुप हो गया था। फिर से वह अपने कार्य में व्यस्त हो गया।

एक दिन अचानक चंदन को दिन के समय पत्नी के अस्पताल में सर्जरी हेतु जाना पड़ गया। चंदन को वहाँ सीमा नहीं दिखी। चंदन ने अस्पताल के स्टॉफ से पूछा, तो लोगों ने बताया.. मैम, रोजाना तीन घंटे के लिए घर को जाती हैं।

चंदन अवाक् रह गया था। उसे तो आज तक नहीं पता चला था की हर रोज दोपहर वह घर जाती थी। दोपहर घर आने वाली बात की सीमा ने भी कभी कोई चर्चा नहीं की थी। चंदन का दिमाग नकारात्मकता की ओर कभी नहीं गया। उसने सोचा, सीमा थक जाती होगी इसलिए दोपहर आराम करने जाती होगी।

फिर वह अपने कार्य में व्यस्त होने के कारण सीमा से पूछना भूल गया था। 

समय बीतता जा रहा था। एक दिन पुनः चंदन को दोपहर किसी काम से घर आना पड़ा। घर के अंदर देखा वही व्यक्ति ड्राइंगरूम में बैठा था, जिसे उसने कभी घर से निकलते देखा था। 

सीमा ने आगे बढ़कर कहा,

"यह सुमित है, मेरे कॉलेज के दिनों के मित्र" 

दोनों ने एक दूसरे को हाय-हैलो किया।

थोड़ी देर की बातचीत के बाद चंदन के साथ सुमित भी निकल गया था।

अब जब कभी भी चंदन घर को आता सुमित से मुलाकात हो जाती। चंदन के मन में शक समाने लगा था। उसने सीमा से कई बार बात भी की। सीमा मित्र कहकर बात टाल दी थी।

सुमित का आना जाना काफी बढ़ गया था। चंदन दिनों-दिन परेशान रहने लगा।

सीमा से चंदन की छोटी-मोटी चीजों के लिए लड़ाइयां भी होने लगी। चंदन कुछ समझ नहीं पा रहा था क्या किया जायें ???? सीमा ज्यादा खुश रहने लगी थी और चंदन उतना ही विक्षिप्त। धीरे-धीरे चंदन बीमार पड़ने लगा।

इधर सीमा के पास सुमित का आना जाना बढ़ गया था।

उस दिन सुबह से ही चंदन को बुखार था। वह छुट्टी पर था जो सीमा के लिए परेशान कर देने वाला था। वह सोच रही थी चंदन बीमार है तो क्या... अस्पताल में ही जाकर रहे। इतना बड़ा डॉक्टर है वो, उसकी सेवा अस्पताल में ही हो सकती है। उसने इस बात को चंदन से कहा भी। 

सुमित के घर आते ही सीमा ने सुमित से कहा था, 

"तुम भी बोलो ना चंदन से.. सुमित अस्पताल में ही जाकर रहे" 

सुमित ने चंदन के सामने ही सीमा का हाथ पकड़ लिया और ड्राइंगरूम के सोफे पर सट कर बैठ गया। चंदन से यह देखा नहीं गया। उसने बोला, 

"मेरे आँखों के सामने यह तुम क्या कर रही हो???? मुझे और कितना कष्ट दोगी???"

इधर चंदन की तबीयत दिनोंदिन खराब होती जा रही थी उधर अपनी आँखों के सामने प्रतिदिन सुमित और सीमा की रंगरेलियां देखता था।

आज सुबह से ही सीमा बहुत खुश थी उसने चंदन को नाश्ता दिया। दवाइयाँ भी समय से दी। चंदन को सीमा का यह बदला व्यवहार समझ नहीं आ रहा था। 

तभी सुमित आ गया था। दोनों ने इशारों-इशारों में कुटिल मुस्कान के साथ कुछ बात की। सुमित ने सीमा को इंजेक्शन देते हुए यही कहा था,

"इस इंजेक्शन से चंदन ठीक हो जाएंगे।"

सीमा ने दोपहर का भोजन चंदन को अपने हाथों से खिलाया। चंदन खुश हो गया था। मन ही मन में सोच रहा था सीमा में यह बदलाव कैसा????

चंदन ठहरा दयालु व संस्कारी प्रवृत्ति का। क्या समझ पता दिखाने वाला इंजेक्शन कुछ और था लगाने वाला कुछ और।

इंजेक्शन लगने के बाद चंदन सीमा से यही बोल पाया था, 

"सीमा!!! मुझे बहुत तेज नींद आ रही है, तुम अपना ध्यान रखना।" 

उसके बाद चंदन सो गया था।

शहर के सभी बड़े डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए थे चंदन के पिता की आवाज चली गई थी।


@व्याकुल

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