सभी गुरुजनों को मेरा अभिनन्दन
💐🙏🏻
माँ-पिता प्रथम गुरु के उपरान्त समस्त गुरुजन् को मेरा प्रणाम् जो वजह बने जगत् को परखने की सद्बुद्धि प्रदान करने का।
🙏🏻🙏🏻
गुरु-वाणी
गूँजते रहते
कानों में
नित् पल
प्रतिपल..
बंद कर
दृगों को
सोचू
दे जाते
अहसास
असीम
सुखद सा..
बेंत लगे
थपकी
कुम्हार
का
प्रसाद सा
डाँटे
जैसे
चरण हो
हरि का..
करते
परिवर्तन
उथल-पुथल
से मन को
भरते
दूलारते
स्नेहिल
शब्दों
से..
अभिलाषित
करूँ
कृष्ण रूपी
गुरुओं की
छाया
जो बाँध
सके
परन्तप के
बहके कदम....
@व्याकुल