आत्मसात् करुँ कैसे
इष्ट देव को अपने
पन्नें उलटू हरिवंश का
जो वर्णित करे
ग्वाल को
या भागवत पुराण के
लीला को
या विष्णु पुराण के
रहस्य को
मनाऊँ किस रूप को
आठवें अवतार विष्णु को
या आठवें वसुनंदन को
धन्य हो मथुरा जन्म से जिनके
इठलायें गोकुल बाल क्रीड़ा से जिनके
मोहें मनमोहक कान्हा
रेंगते घुटनों पर
बंशी बजाते नृत्य से
या माखन चोर से
पाप का नाश कर
कंस का वध कर
सारथी बन जीवन तारे
कर्मयोगी का पाठ
पढ़ाकर
पथ दिखाये पार्थ को
पुकारूँ किस नाम से
कृष्ण मोहन गोविन्द
गोपाल
माधव केशव
कन्हैया श्याम
उलझता ही जाऊ
हर-पल प्रतिपल
नटवर बन छकाते
खूब हो
कभी जगन्नाथ बन या
या विट्ठल या श्रीनाथ
या द्वारिकाधीश बन
रूला गये गोपियो
ग्वाल बाल को
त्याग गये भालका मृत्यलोक
चल पड़े वैकुंठ को
@व्याकुल