नब्बें का दशक और विश्वविद्यालयी माहौल। आजकल का जो माहौल आप देख रहे उसकी बीज नब्बे के दशक में पड़ चुकी थी। उदारीकरण ने माहौल बदल कर रख दिया....
उदारीकरण
और दशक नब्बे का
सब कुछ
खुल्लम-खुल्ला
जवां होते
धड़कने
खुले
बाजार
चपेट
में
इश्क
था
लपेट में
शर्ट नये
नये चश्में
गिफ्ट नया-नया
फिल्मीकार
भी
गुनगुना उठे
ईलू ईलू
कह उठे
मुशरन
बनते
धड़कने
नैन भी
मुक्त हुयें
इश्क
बेखबर
हुआ
नियंत्रण
प्रतिबंध
मुक्त
हुये
वो दौर
ही
बिक गये..
लाइसेंस
कत्ल
का
शिकार
हुआ
चल पड़ी
गोलियाँ..
छल्ले
उड़ाते
युवतियां
कर
इतिहास
तोड़ते।
@व्याकुल