यूँ तो बनारस की जो छवि बचपन से थी वो ठगो के शहर से थी। मैने जब पहली बार इस फक्कड़ी शहर में कदम रखा तो लगा यहा शहर नही हिन्दुस्तान बसता है। देशीपना या यूँ कहे ठेठपना तो आपको यही मिलेगा। कुछ तो है इस माटी में जो विदेशियो को भी आकर्षित करती रही है।
जहाँ तक ठगे जाने की बात है। वहाँ रहने के बाद आज भी ठगा महसूस करता हूँ चाहे वो लौंग लता ने ठगा हो चाहे गलियो ने ठगा हो चाहे घाटो की मस्तियो ने ठगा हो। कौन नही चाहेगा बार-बार ठगे जाना।
बी. एच. यू. में अगर आपने लौंग लता नही खायी इसका मतलब कुछ नही किया आपने।
@विपिनअगर आपने लौंग लता कभी नही देखी और आपके मन में किसी सुन्दर मिठाई की शक्ल दिमाग में आ रही तो आप इस बनारसी मिठाई के बारे में गलत फहमी पाल रखे है। भोले बाबा के नगरी में ऐसे कैसे हो सकता है। सजी सँवरी मिठाई का ख्याल ही छोड़ दीजिये।
गाढ़ी चासनी में डूबे फिर लौंग का नशा सीधे भक्ति मार्ग पर ले जाकर ही छोड़ती है।
डायबीटीज अपने चरम पर हो और लौंग लता सामने। कौन जीवन को तृप्त करना नही चाहेगा।
@विपिन "व्याकुल"
Thanks a lot
जवाब देंहटाएंIt is just divine but high on calories.
जवाब देंहटाएंDescription is great.
Thank you so much.. Its sugar free..
हटाएं