कहकुतिया या "कहबतिया" ही कह लिजिये। बचपन से ही बड़ों ने कोई सीख दी है तो "कहकुतिया" ही माध्यम हो सकता है। आंग्ल भाषा में "according to..." व हिन्दी में " के अनुसार" का पर्याय था कहकुतिया। ठेठ अवधी अंदाज में पथ प्रदर्शक का कार्य करता था ये शब्द। मुहावरा जैसा ही इसका वाक्यांश होता है.. सरल व रोचक...
मजाल है किसी ने कहकुतिया शब्द पर ऊँगली उठाई हो। सालों-साल के अनुभव के बाद कहकुतिया की खोज हुई होगी।
"देशी चिरईया मराठी बोल" जैसे बोल सुनने को मिल ही जाता था।
"कम खा काशी बसअ्" जैसे कहबतिया तो रोक ही लेते है परदेश भ्रमण को और संतोष से रहने की सलाह दे डालते है।
"बाड़ी बिसतुईया बाग क नजारा मारई" इसे आप छोटी मुँह बड़ी बात समझ लीजिये।
"बिच्छू क मंत्र न जानई कीरा के बिल में हाथ डालई" का अर्थ स्पष्ट है कि छोटे मोटे समस्या से निपट नही पा रहे और बड़े आफत मोल ले रहे।
"ढोल में पोल" में शब्द का अर्थ स्पष्ट है.. बजता कितनी तेज है पर पोल ही पोल होता है। बड़े लोगो के संदर्भ में प्रयोग किया जा सकता है।
@व्याकुल
Bahut sunder says
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
जवाब देंहटाएंYe kisi ko taane maar rahe ya kisi ko suna rahe samajh nahi aya iska matalab muhawara to dusra type se hota hai ye to pura desi comment lag raha
जवाब देंहटाएंभैया ये देशी अंदाज है जो गॉवों में प्रचलित रहा है...
जवाब देंहटाएंसुंदर वर्णन
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
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