आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ... इस अवसर पर मेरी रचना जो राष्ट्र को समर्पित है..
बात हो आन की
या घट रहे शान की
बलि जाये परार्थ में
घटोत्कच सा रण में
अंत हो दंभ का या
नारी की लाज का
दुर्योधन सी मौत दे
जंघा भी चीर जाये
पुनः एक प्रयास हो
लघु का विस्तार हो
प्यार से जो दे न सके
खींच ले शस्त्र से
रणभेरी बजे काषल से
जैसे शंकरा ने उठायी
संकल्प हो परास्त का
अखंडता उन्मूलन का
मर्यादा क्यों अब लांघना
विदेशियों से क्यो याचना
लोधी क्यो जो बन गये
परायी धरा कर गये
आग सर पर रहे
भरत घर-घर रहे
भुजायें फड़कती रहे
आग धधकती रहे
मना ले ये दिवस खूब
खोज ले एक मंत्र ये
कराग्रे से जो ताल हो
करे जाप राष्ट्र का
@व्याकुल
Bahut sundar , samarpak rachna. Hume chaatron ke sammuk prastut karne ka samman dein.
जवाब देंहटाएंDr Paralikar Urmila
Govt College Mumbai
शुक्रिया... अवश्य प्रस्तुति करे...मेरी रचना का सम्मान होगा।
हटाएंसंभव हो तो प्रस्तुति का वीडियो अवश्य भेजे
हटाएं👌👌👌🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जवाब देंहटाएंजय हिंद
हटाएं����������������������
जवाब देंहटाएंशुक्रिया महोदया
हटाएंजय हिंद
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जवाब देंहटाएंUncle आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जय हिंद🇮🇳🇮🇳🇮🇳
शुक्रिया बेटा
हटाएंबहुत अच्छा! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
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