नाम बदलने से क्या शिक्षा व्यवस्था सही हो जायेगी.. गुरु शब्द का अर्थ भारी या वजनदार भी होता है.. ये शब्द जोड़ने से क्या पद वजनदार हो जायेगा???? खैर मेरे कई मित्र एक कुन्तल के है... मै भी हूँ..वर्तमान परिदृश्य में तैरना आना चाहिये... हल्का इतना भी न हो... इधर की उधर करता रहे... नाम बदलने का मुख्य उद्देश्य पुरातनता का बोझ देना होगा.. तभी इतना भारी शब्द लाद दिया... देखते है कौन किसको ढो पाता है... व्यवस्था गुरु को या गुरु व्यवस्था को....!!!!!!!
विश्वविद्यालय में पहले वाले गुरु का कद अब छोटा हो जायेगा... वो कैटेगरी में छोटे गुरु हो जायेंगे... ये वाले बड़े गुरु... सब कहते फिरेंगे बड़े वाले गुरु.. माफ कीजियेगा.. बड़े वाले नही..सिर्फ बड़े गुरु...
किसी ने अगर कह दिया किं "जा रहा हूँ गुरु से मिलने", तुरन्त प्रत्युत्तर आयेगा "कौन वाले????"
अब कुछ लोग गुरु के अलग-अलग अर्थ निकालेंगे... पता नही कौन वाला अर्थ सेट हो जाये...
मुझे तो चिंता "गुरु गोविंद दोऊ खड़े..." की हो रही..
जय हो!!!!!!!!!
@व्याकुल
का गुरु कुलगुरु को तो छोड़ देते। वैसे ये नाम इसलिए भी जरूरी था कि गुरु न लगने से कुलपति लोग या किसी भी संस्था के प्रधान अपने को गुरु से थोड़ा ज्यादा ही ऊपर समझनने लगते हैं, हो सकता है गुरु लग जाने से उनको अपना गुरु पद याद रहे।
जवाब देंहटाएंह्रदयाभार गुरु जी... अब का करी.. मन की बात निकल ही आती है...
हटाएंमै भी कुंटल के करीब पहुंच रहा हूँ, शरीर में तो वजन आ गया है क्या बातों में भी आयेगा???😊😊
जवाब देंहटाएंह्रदयाभार मित्र...
हटाएंसही कहा आपने
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं😀😊
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
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