"नाता प्रथा" राजस्थान की पुरानी प्रथाओं में से एक है। आजकल प्रचलित "लिव-इन" का ही प्राचीन रूप कहा जा सकता है। यह गुर्जरों या कुछ ही जातियों तक सीमित है। इस प्रथा में विवाहित स्त्रियाँ अपने पतियों को छोड़ कर किसी के भी साथ रह सकती है बिना किसी रीति-रिवाज के। इसे "नाता करना" भी कहते है।
हो सकता है "नाता प्रथा" विधवाओं व परित्यक्ता स्त्रियों को सामाजिक मान्यता देने के लिये बना हो।
@व्याकुल
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