मस्त
बेफिक्र
आँखों में
सपने
लिए
दो-दो हाथ
करने को
सदैव
तत्पर...
बलिष्ठता
ही ध्येय
जीवन का
अलौकिक
सोच ऎसी
जो
दिवारों को
गिरा दे
बँधी
मुट्ठी से..
कभी न
रूके
चलते रहते
निर्बाध
अनवरत
थकते नही
जिनके पॉव...
गाथा भरी
पड़ी है
जिनके
अनगिनत
अनकहे
सिलसिले
पराक्रम से...
@व्याकुल
Mast
जवाब देंहटाएंप्रणाम भाईसाहब... शुक्रिया
हटाएंBhut hi sundar sabdo k sath apne ye likha hai... Uncle ji... 🙏🤗
जवाब देंहटाएंशुक्रिया बेटा
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