गतांक से आगे....
आज सुबह माधुरी ने स्वप्न देखा था। एक महिला, जो सजी-धजी थी, जहाज से आयी और पूरे मकान में घूम कर वापस चली गयी। स्वप्न का क्या अर्थ हो सकता है????
माधुरी को नींद आयी ही नही सुबह तक।
सुबह माधुरी को अजीब सा अहसास हुआ। घर के आस-पास सादी वर्दी में कुछ हलचल महसूस हुई। सब सो रहे थे। दिवार को फाँद कर लगभग बीस-पच्चीस लोग घर मे घुस आये।
माधुरी चिल्ला कर कुछ कहना चाह रही थी, तभी उसका मुँह बंद कर दिया गया। घर से भागने के सारे रास्तें बंद कर दिये गये।
घर की छान-बीन शुरू हो चुकी थी। तब तक सभी लोग उठ गये थे। मोहन का चेहरा पीला पड़ चुका था।
मै हतप्रभ रही।
"ऐसा क्या हो गया"
इशारों में मोहन से पूछने की कोशिश की।
मोहन मौन था। नजरें नीची कर लिया था।
मै पहली मंजिल का सारा माजरा समझ गयी थी।
पुलिस कई बक्से नोटों की ले गयी। पूरी मंजिल सील हो गयी। मोहन के हाथों में हथकड़ी।
अगलें दिन समाचार-पत्रों की मुख्य सुर्खियों में मोहन ही थे। समाचार पत्रों से मुझे भी पता चला किं घर में करेंसी छापने की मशीन लगी थी।
मुझे तो सारा दिन स्वप्न ही तैरने लगा। समझ नही आ रहा, क्या करूँ????
मोहन को छुड़ाने के सारे प्रयास असफल हुये। मामला कोर्ट में था। घर की नीलामी हो गयी। मै भाई के घर इलाहाबाद आ गयी.....
©️व्याकुल
क्रमशः
https://vipinpanday.blogspot.com/2021/06/5_20.html